NASA की प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री Sunita Williams और उनके साथी Butch Wilmore 286 दिनों के लंबे और चुनौतीपूर्ण मिशन के बाद धरती पर सुरक्षित लौट आए। यह मिशन, जिसे केवल 8 दिनों का परीक्षण अभियान होना था, तकनीकी समस्याओं के कारण लगभग 9 महीने तक खिंच गया। आखिरकार, 18 मार्च 2025 को वे SpaceX’s के Crew Dragon capsule से सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौटे।
मिशन की शुरुआत और चुनौतियाँ
Sunita Williams और Butch Wilmore ने 5 जून 2024 को Boeing’s Starliner से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी थी। यह मिशन Boeing’s Starliner अंतरिक्ष यान के प्रदर्शन को परखने के लिए था, लेकिन उड़ान के दौरान ही इसमें कई तकनीकी खामियाँ सामने आईं।
मुख्य समस्याएँ:
1 Propulsion System की खराबी
2 हीलियम गैस लीकेज
3 अंतरिक्ष यान की सुरक्षा को लेकर संदेह
इन तकनीकी खामियों के कारण NASA ने फैसला किया कि Starliner को बिना क्रू के वापस लाया जाएगा और Williams तथा Wilmore को SpaceX के सुरक्षित क्रू-9 मिशन से वापस भेजा जाएगा।
Sunita Williams की धरती पर वापसी
लगभग 9 महीने बाद, 18 मार्च 2025 कोSunita Williams Butch Wilmore, NASA के Nick Hague, और Russian cosmonaut Aleksandr Gorbunov ने SpaceX’s Crew Dragon capsule से धरती के लिए उड़ान भरी।
स्पलैशडाउन (समुद्र में लैंडिंग) का समय:
📍 स्थान: फ्लोरिडा ( Florida ) का तट
⏳ समय: शाम 5:57 ईटी (भारतीय समयानुसार 19 मार्च को सुबह 3:27 बजे)
धरती पर लौटने के बाद चारों अंतरिक्ष यात्रियों को नासा के मेडिकल सेंटर में भेजा गया, जहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव और मेडिकल जांच
9 महीने तक शून्य गुरुत्वाकर्षण (Zero Gravity) में रहने के कारण अंतरिक्ष यात्रियों को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि:
✅ मांसपेशियों की कमजोरी
✅ हड्डियों की घनत्व में कमी
✅ रक्त संचार में बदलाव
✅ दृष्टि और संतुलन से जुड़ी समस्याएँ
नासा की मेडिकल टीम उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति पर नज़र रख रही है और यह अध्ययन कर रही है कि इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के बाद शरीर कैसे प्रतिक्रिया करता है।
गुजरात के झूलासन गाँव में जश्न Sunita Williams
सुनीता विलियम्स की जड़ें भारत के गुजरात राज्य के मेहसाणा जिले के झूलासन गाँव से जुड़ी हुई हैं। उनकी सुरक्षित वापसी पर गाँव में आरती, प्रार्थना, और जश्न मनाया गया। गाँव के लोगों ने अपनी “बेटी” की उपलब्धि पर गर्व जताया।
भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में इस सफलता का जश्न मनाया गया। व्हाइट हाउस ने भी इस मिशन की सफलता पर खुशी जताई और कहा:
“हमने वादा किया था कि हमारे अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित घर लौटेंगे, और हमने इसे पूरा किया।”
भविष्य की संभावनाएँ
इस मिशन से मिले अनुभव और डेटा भविष्य में अंतरिक्ष अभियानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगे।
🔹 लंबी अवधि के मिशन – मंगल और चंद्रमा पर भेजे जाने वाले अभियानों की तैयारी में मदद मिलेगी।
🔹 अंतरिक्ष यान की सुरक्षा – बोइंग स्टारलाइनर की तकनीकी कमियों को सुधारने में मदद मिलेगी।
🔹 मानव शरीर पर प्रभाव – यह अध्ययन किया जाएगा कि माइक्रोग्रैविटी का शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है।
निष्कर्ष
Sunita Williams का यह लंबा मिशन अंतरिक्ष यात्राओं की चुनौतियों को उजागर करता है। उनकी हिम्मत, धैर्य, और संकल्पना आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।
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