Rajasthan Borewell: 10 दिन बाद बोरवेल से निकाले जाने के कुछ घंटे बाद राजस्थान की 3 वर्षीय हुई मौत
कोटपुतली (राजस्थान) मे 170 फीट गहरे बोरवेल मे गिरने के 10 दिन बाद बुधवार को बाहर निकालने के कुछ घंटे में हुई 3 वर्षीय बच्ची की मौत! यह घटना मानवता और तकनीकी प्रयासों की सीमाओं को दर्शाती है। एनडीआरफ राजस्थान के चीफ योगेश मीना ने बताया था की बाहर निकाले जाते समय बच्ची के शरीर में कोई भी हलचल नहीं थी व अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया
घटना का विवरण
Rajasthan Borewell यह दुखद घटना बारां जिले के मैनपुरा गांव की है, जहां बच्ची खेलते हुए 31 दिसंबर को एक खुले बोरवेल में गिर गई थी। बोरवेल लगभग 200 फीट गहरा था, और बच्ची 120 फीट की गहराई पर फंस गई थी। देसी जुगाड़ के जरिए उसे तीस फीट ऊपर खींच लिया गया था। लेकिन, फिर उसे देसी जुगाड़ से और ऊपर नहीं लाया जा सका। घटना के तुरंत बाद प्रशासन, एनडीआरएफ और स्थानीय बचाव दल ने बच्ची को बचाने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया। इसके बाद बोरवेल के पास एक 170 फीट गहरा गड्ढा किया और फिर बोरवेल तक सीधी सुरंग बनाकर एनडीआरएफ के जवान चेतना तक पहुंचे। जिसके बाद उसे बाहर निकाला गया। लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। चेतना सबको छोड़कर जा चुकी थी।
बचाव अभियान
Rajasthan Borewell Rescue Update: 10 दिनों तक चले इस अभियान में आधुनिक तकनीकों और भारी मशीनरी का उपयोग किया गया। बचाव दल ने बोरवेल के समानांतर खुदाई कर बच्ची तक पहुंचने की कोशिश की। अभियान के दौरान ऑक्सीजन की आपूर्ति और बच्ची की स्थिति पर नजर रखने के लिए कैमरों का उपयोग किया गया। देशभर से लोग इस अभियान की सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे थे। जब उसे बाहर निकाला गया तो उस दौरान शरीर में कोई मूवमेंट नहीं था.
शरीर की कंडीशन पर क्या बोले डॉक्टर
Rajasthan Borewell resuce के आसपास फिनायल का छिड़काव करने के बाद से ही उसके बचने की कम ही उम्मीद लगाई जा रही थी. पीएमओ चैतन्य रावत ने बताया कि बालिका जब यहां पर लाई गई तो उसकी जांच के लिए हमने में एक स्पेशल बेड तैयार किया था. बच्ची जीवित नहीं थी.
प्रशासन पर लगे लापरवाही के आरोप
Rajasthan Borewell परिवार लगातार रेस्क्यू अभियान में लापरवाही बरतने के आरोप लगा रहा था। 10 दिन चले रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ की टीम काफी मशक्कत करनी पड़ी. रेस्क्यू टीम ने जिस बोरवेल में चेतना गिरी थी. उसके समानांतर एक सुरंग खोदकर 10 दिन बाद उसे बाहर निकाला. इससे पहले आज सुबह करीब 11:30 बजे रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के आसपास फिनायल का छिड़काव किया और कपूर जलाया, ताकि कोई अनहोनी हो तो उससे फैली बदबू से बचा जा सके. इस घटना ने एक बार फिर खुले बोरवेल की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय प्रशासन और सरकार पर यह सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ गया है कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।
परिवार का दुख
Rajasthan Borewell बच्ची के माता-पिता और परिवार गहरे शोक में हैं। पूरे गांव में मातम का माहौल है। देशभर से लोग सोशल मीडिया के माध्यम से परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं।
सबक और समाधान
Rajasthan Borewell यह घटना न केवल प्रशासन बल्कि समाज के लिए भी एक सबक है। खुले बोरवेल को ढंकने और सुरक्षा मानकों को लागू करने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। यह घटना एक दर्दनाक याद दिलाती है कि सुरक्षा उपायों की अनदेखी कितनी बड़ी त्रासदी ला सकती है। इस बच्ची की मौत ने पूरे देश को गम और सोचने पर मजबूर कर दिया है।