New Education Policy : 10वीं बोर्ड, एमफिल खत्म – छात्रों के लिए कितना फायदेमंद?

New Education Policy

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा सुधार करते हुए National Education Policy (NEP 2020) को मंजूरी दे दी है। इस नई नीति के तहत 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को खत्म कर दिया गया है, साथ ही एमफिल (M.Phil) कोर्स को भी समाप्त कर दिया गया है। इस ऐतिहासिक फैसले के तहत शिक्षा प्रणाली में कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जो छात्रों के लिए नए अवसर प्रदान करेंगे।

New Education Policy

New Education Policy के मुख्य बिंदु:

1.10वीं बोर्ड परीक्षा खत्म:
अब छात्रों को 10वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा नहीं देनी होगी। इसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला बनाना और विद्यार्थियों पर से परीक्षा का बोझ कम करना है।
2. एमफिल कोर्स बंद:
उच्च शिक्षा में एमफिल कोर्स को समाप्त कर दिया गया है। अब छात्र सीधे मास्टर्स (MA/MSc) के बाद पीएचडी (PhD) कर सकेंगे।
3. स्कूली शिक्षा में बदलाव:
5+3+3+4 प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे अब 3 से 8 साल की उम्र के बच्चों के लिए फाउंडेशनल स्टेज होगी।
4.मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम:
कॉलेज स्तर पर अब छात्र अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर बाद में फिर से शुरू कर सकते हैं। इसके लिए क्रेडिट बैंक सिस्टम लागू किया जाएगा।
5.मातृभाषा में पढ़ाई:
पांचवी कक्षा तक की पढ़ाई मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में करवाने पर जोर दिया जाएगा।
6. एक समान शिक्षा नीति:
सरकारी और निजी स्कूलों के लिए समान शिक्षा नीति लागू होगी ताकि सभी छात्रों को समान अवसर मिले।
7. प्रौद्योगिकी और कौशल विकास:
डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा और व्यावसायिक शिक्षा को स्कूल स्तर से ही शामिल किया जाएगा।

New Education Policy

नई Education Policy का उद्देश्य

इस नीति का मुख्य उद्देश्य भारत की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना, छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान देना और उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, उच्च शिक्षा संस्थानों को अधिक स्वायत्तता देने का प्रावधान भी किया गया है।

क्या बदलेगा इस नई नीति से ?

New Education Policy 34 साल पुरानी नीति की जगह लेगी। इससे छात्रों को पारंपरिक शिक्षा प्रणाली से बाहर निकलने और अपनी रुचि के अनुसार विषय चुनने की स्वतंत्रता मिलेगी। साथ ही, इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और भारत की शिक्षा प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा।