Nagpur Violence update: नागपुर में हिंदू-मुस्लिम तनाव, क्या है औरंगज़ेब की कब्र का विवाद?

Nagpur

Nagpur हिंसा के पीछे की कहानी

Nagpur में हाल ही में हुई हिंसा की घटनाएं 17वीं शताब्दी के मुगल शासक औरंगज़ेब की मकबरा हटाने की मांग को लेकर शुरू हुईं। हिंदू संगठन विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगज़ेब की मकबरा को हटाने की मांग करते हुए नागपुर में प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने औरंगज़ेब की पुतला जलाया और मकबरा को हटाने के नारे लगाए।

इस प्रदर्शन के बाद, मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने पुलिस स्टेशन के पास मार्च किया, जिसके दौरान पुलिस पर पथराव किया गया। इन झड़पों में कम से कम 15 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई गई है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने नागपुर के कुछ हिस्सों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है।

Nagpur

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हिंसा की निंदा करते हुए कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। VHP ने हिंसा में शामिल होने के आरोपों से इनकार किया है और मकबरा को हटाकर मराठा समुदाय के शासकों के लिए स्मारक बनाने की मांग की है।

Nagpur राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का मुख्यालय भी है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (BJP) से संबद्ध है। मोदी के आलोचकों ने उन पर मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव करने और उनके खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है, हालांकि उन्होंने और उनकी सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया है।

Nagpur वर्तमान स्थिति

Nagpur
प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने आगे कहा कि सरकार को चाहिए कि वह दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और पीड़ितों को न्याय दिलाए। उन्होंने सभी समुदायों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है।
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि वह राज्य में कानून व्यवस्था को सख्ती से लागू करे और सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। संगठन ने कहा कि यदि सरकार समय रहते उचित कदम नहीं उठाती है, तो समाज में असंतोष और बढ़ सकता है, जो राज्य और देश दोनों के लिए हानिकारक होगा।

इस बीच, Nagpur पुलिस ने हिंसा के संबंध में कई लोगों को हिरासत में लिया है और मामले की जांच जारी है। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है और नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।

Nagpur
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने नागरिक समाज, धार्मिक नेताओं और सामाजिक संगठनों से भी आग्रह किया है कि वे एकजुट होकर शांति और सद्भावना को बढ़ावा दें, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।