यमन में केरल की नर्स को मौत की सजा: राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद भारत सरकार की सक्रियता केरल की नर्स निमिषा प्रिया, जो यमन में एक यमनी नागरिक की हत्या के आरोप में 2017 से जेल में बंद हैं, को यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी द्वारा मौत की सजा की मंजूरी मिल गई है। वहीं, भारत सरकार ने कहा है कि वो नर्स की हरसंभव मदद कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी फांसी की सजा पर एक महीने के भीतर अमल किया जाएगा।
मामला क्या है?
यमन की जेल में बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया को मिली फांसी की सजा को वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद अल-अलीमी ने मंजूरी दे दी है. दरअसल, यमन कोर्ट ने भारतीय महिला नर्स निमिषा को हत्या का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर अब वहां के राष्ट्रपति ने मुहर लगा दी है. निमिषा प्रिया पर आरोप है कि उन्होंने यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या की। उनका दावा है कि महदी उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था और उनका पासपोर्ट भी अपने पास रखे हुए था, जिससे वह यमन छोड़कर नहीं जा सकती थीं। अपने पासपोर्ट को वापस पाने के प्रयास में, उन्होंने महदी को नशीला इंजेक्शन दिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
परिवार की कोशिशें
निमिषा की मां प्रेमा कुमारी ने इस वर्ष यमन की राजधानी सना की यात्रा की थी, जहां उन्होंने मृतक के परिजनों से ‘ब्लड मनी’ के माध्यम से सजा माफ कराने की कोशिश की, लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हो सका।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वे इस मामले में सभी प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और परिवार को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमें यमन में सुश्री निमिषा प्रिया की सजा के बारे में पता है। हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्प तलाश रहा है। सरकार इस मामले में हर संभव मदद कर रही है।”
आगे की राह
यमन में ‘ब्लड मनी’ की प्रथा है, जिसके तहत पीड़ित परिवार को मुआवजा देकर सजा को कम किया जा सकता है। हालांकि, निमिषा के परिवार के प्रयास अब तक सफल नहीं हुए हैं। भारत सरकार की सक्रियता के बावजूद, यह देखना बाकी है कि क्या निमिषा प्रिया की सजा को कम या माफ किया जा सकेगा।