"8th Pay Commission: All You Need to Know in Simple Terms"
भारत में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन, भत्ते और पेंशन में सुधार के लिए समय-समय पर वेतन आयोग गठित किए जाते हैं। ये आयोग कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति, महंगाई और अन्य ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए वेतन ढांचे में बदलाव की सिफारिश करते हैं। अब 7वां वेतन आयोग लागू है, जो 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था। लेकिन अब सबकी नजर 8वें वेतन आयोग [8th Pay Commission] पर है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
7वें वेतन आयोग की सिफारिशें
7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में बना और 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ। 1. इसमें न्यूनतम वेतन Rs 18,000 किया गया। 2. अधिकतम वेतन Rs 2.5 लाख तय हुआ। 3. महंगाई भत्ता (DA) और यात्रा भत्ता (TA) जैसे लाभ दिए गए।
वेतन आयोग क्या है?
वेतन आयोग एक सरकारी संस्था है, जो कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में बदलाव की सिफारिश करती है। इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को बेहतर आर्थिक हालात और महंगाई से निपटने के लिए मदद देना है। 1. पहला वेतन आयोग 1946 में बना था। 2. अब तक 7 वेतन आयोग आ चुके हैं। 3. 8वां वेतन आयोग 2024-25 में बनने की उम्मीद है।
सरकार की राय क्या है?
हाल ही में, 3 दिसंबर 2024 को वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि “फिलहाल 8th Pay Commission का कोई प्रस्ताव नहीं है।”
सरकार का कहना है कि महंगाई भत्ता (DA) और अन्य भत्तों के जरिए राहत दी जा रही है।
8वें वेतन आयोग की मांग क्यों हो रही है?
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का कहना है कि 7वें वेतन आयोग को लागू हुए 9 साल हो गए हैं।
इस दौरान महंगाई काफी बढ़ गई है।
महंगाई भत्ते (DA) से पूरी मदद नहीं मिल रही।
न्यूनतम वेतन और पेंशन में सुधार जरूरी है।
8वां वेतन आयोग कब आएगा? EXPECTED
1. पिछले वेतन आयोगों के पैटर्न को देखें तो हर 10 साल में नया आयोग बनता है। 2. इस हिसाब से 8वां वेतन आयोग 2024-25 में बन सकता है। 3. इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
सरकारी कर्मचारी और पेंशन पाने वाले लोग सरकार से लगातार 8th Pay Commission की मांग कर रहे हैं।
उनका कहना है कि मौजूदा वेतन से परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है।
अगर सरकार उनकी मांग नहीं मानेगी तो बड़े आंदोलन हो सकते हैं।
अगर 8वां वेतन आयोग बना तो क्या होगा?
अगर 8th Pay Commission को मंजूरी मिलती है, तो इन बदलावों की उम्मीद है: 1. न्यूनतम वेतन: Rs 18,000 से बढ़ाकर Rs 26,000 किया जा सकता है। 2. महंगाई भत्ता: महंगाई के आधार पर DA में सुधार होगा। 3. पेंशन में बढ़ोतरी: पेंशनभोगियों को ज्यादा फायदा मिलेगा। 4. भत्तों में बदलाव: यात्रा भत्ता (TA) और मकान किराया भत्ता (HRA) बढ़ सकता है।